भारतीय क्रिकेट में एक युग का अंत हो गया जब रोहित शर्मा (नवंबर 2013 में डेब्यू) और विराट कोहली (जून 2011 में डेब्यू) ने मई 2025 में टेस्ट क्रिकेट से संन्यास की घोषणा की। हालाँकि कुछ भारतीय खिलाड़ी जो इन दोनों दिग्गजों से पहले टेस्ट क्रिकेट खेलते थे, अभी भी इस प्रारूप में खेलते हैं। हम इस लेख में उन खिलाड़ियों के बारे में बताएंगे जो विराट और रोहित से पहले टेस्ट खेल चुके हैं और अभी भी खेल रहे हैं।
वो खिलाड़ी जिन्होंने रोहित शर्मा और विराट कोहली से पहले टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू किया था
ईशांत शर्मा
2007 में, लंबे कद के दाएं हाथ के तेज गेंदबाज ईशांत शर्मा ने टेस्ट क्रिकेट में अपना डेब्यू किया। दिल्ली के इस तेज गेंदबाज ने 18 साल की उम्र में टीम इंडिया से आमंत्रित होने पर अपनी छाप छोड़ी। 2008 का पर्थ टेस्ट, जहां उन्होंने ऑस्ट्रेलियाई कप्तान रिकी पॉन्टिंग को अपनी गेंदबाजी से काफी परेशान किया, उनके शुरूआती और सबसे यादगार पलों में से एक था। क्रिकेट प्रेमियों के जेहन में आज भी वह स्पेल ताजा है।
ईशांत अपने लंबे टेस्ट करियर में 311 विकेट लेकर कपिल देव के बाद 100 टेस्ट मैच खेलने वाले भारत के दूसरे तेज गेंदबाज बने। उनके शुरूआती वर्षों में वे चोटों और खराब फॉर्म से जूझते रहे, खासकर 2012 में टखने की सर्जरी के कारण। लेकिन 2014 के बाद वह टीम में नियमित रूप से शामिल हो गए और कोहली की कप्तानी में शानदार प्रदर्शन किया।
2018 में ईशांत ने भारत की ऐतिहासिक ऑस्ट्रेलिया टेस्ट सीरीज जीत में गेंदबाजी आक्रमण का नेतृत्व किया। इंग्लैंड में भी उनकी गेंदबाजी ने सबका दिल जीता, खासकर 2014 में 7/74 की मैच जिताऊ स्पेल से। लंबे स्पेल डालने की उनकी क्षमता ने उन्हें बाकी खिलाड़ियों से अलग बनाया।
2021 के बाद से वह भारतीय टीम में नहीं खेले हैं, लेकिन 36 साल की उम्र में वह दिल्ली के लिए सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी और आईपीएल 2025 में गुजरात टाइटंस में खेल रहे हैं । खास बात यह है कि ईशांत अब कमेंट्री भी कर रहे हैं। उन्होंने टेस्ट क्रिकेट से अभी भी आधिकारिक तौर पर संन्यास नहीं लिया है, हालांकि उनकी वापसी लगभग असंभव है।
चेतेश्वर पुजारा
2010 में अपने टेस्ट डेब्यू के बाद से, चेतेश्वर पुजारा भारत के सर्वश्रेष्ठ टेस्ट बल्लेबाजों में से एक है। दाएं हाथ के इस बल्लेबाज की क्रीज पर लंबे समय तक टिके रहने और अपनी पुराने स्कूल की शैली से विपक्षी गेंदबाजों को थका देने की कला ने उन्हें भारत के लिए कई ऊंचाइयां हासिल करने में मदद की। भारतीय टीम उस समय बदलाव से गुजर रही थी, जब सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़ और वीवीएस लक्ष्मण अपने करियर के अंतिम पड़ाव पर थे।
पुजारा ने 103 टेस्ट मैचों में 43.60 की औसत से 7195 रन बनाए, 19 शतक और 35 अर्धशतक लगाए। विदेशी दौरों, खासकर 2018 और 2020-21 के बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में, उनकी बल्लेबाजी ने सबका दिल जीता था। 2018 में उन्होंने 74.42 की औसत से 521 रन बनाए, लेकिन 2020–2021 में 271 रन बनाए और शरीर पर कई चोटें झेलीं और सीरीज जीत में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उनकी खूबसूरत बल्लेबाजी ने क्रिकेट प्रेमियों का दिल जीत लिया।
2023 विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल के बाद से पुजारा भारतीय टीम में नहीं हैं, लेकिन वह अभी भी मौका मिलने पर घरेलू क्रिकेट खेल रहे हैं। वह सौराष्ट्र के लिए रणजी ट्रॉफी में खेल रहे हैं और इंग्लैंड में ससेक्स के लिए काउंटी क्रिकेट भी खेला। उन्होंने 2024-25 के रणजी सीजन में 10 पारियों में 40.20 की औसत से 402 रन बनाए, जिसमें एक दोहरा शतक भी था। विराट कोहली के संन्यास के बाद चौथे नंबर की जगह खाली होने से पुजारा की वापसी चर्चा में है। फैंस उम्मीद करते हैं कि यह बल्लेबाज एक बार फिर भारतीय टेस्ट टीम में आ जाएगा और अपने अनुभव से युवा टीम को राह दिखाएगा।