बीसीसीआई ने हाल ही में 10-खंडों वाली कॉन्ट्रैक्टेड खिलाड़ियों के लिए एक गाइडलाइन जारी की है। इनमें से एक गाइडलाइन यह है कि खिलाड़ियों को घरेलू क्रिकेट में भाग लेना जरूरी है। खिलाड़ियों को घरेलू मैचों से बाहर रहने की अनुमति केवल वेल्ड मेडिकल सर्टिफिकेट के साथ मिलेगी।
इस बीच पूर्व भारतीय बल्लेबाज सुनील गावस्कर ने बीसीसीआई को गंभीर चेतावनी दी और कहा है कि आज के समय में इंजरी सर्टिफिकेट बनाना बहुत ही आसान है।
बीसीसीआई को सुनील गावस्कर ने यह बात कही
Sportstar पर सुनील गावस्कर ने अपने कॉलम में लिखा,
“इससे भी ज्यादा दिलचस्प यह होगा कि अगर वे नहीं खेलते हैं तो बीसीसीआई क्या कार्रवाई करती है। क्या वे चोटिल थे? ‘चोट’ के लिए मेडिकल सर्टिफिकेट प्राप्त करना बच्चों का खेल है, और अगर वे चोटिल हैं, तो क्या वे इलाज और रिकवरी के लिए NCA (राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी) गए थे, जैसा कि नीतीश कुमार रेड्डी को उस समय भेजा गया था जब उन्हें साइड स्ट्रेन हुआ था?”
“क्या बीसीसीआई-कॉन्ट्रैक्टेड खिलाड़ियों के लिए यह प्रथा नहीं है कि जैसे ही उन्हें चोट लगती है, उन्हें NCA को रिपोर्ट करना होता है, और बीसीसीआई के विशेषज्ञों द्वारा उन्हें फिट प्रमाणित करने के बाद ही वे भारत के लिए खेलना शुरू कर सकते हैं? हम सभी जानते हैं कि इन खिलाड़ियों ने गैर-चोट कारणों से पहले के खेलों से बाहर रहने का विकल्प चुना होगा।”
हाल ही में रणजी ट्रॉफी 2024–25 के छठे सीजन में भारतीय क्रिकेट टीम के महान खिलाड़ी खेलते हुए दिखाई दिए। 30 जनवरी से शुरू होने वाले मुकाबलों में विराट कोहली और केएल राहुल जैसे बल्लेबाज अपने-अपने राज्यों की टीमों का प्रतिनिधित्व करते हुए नजर आने वाले हैं। चोट का हवाला देते हुए दोनों ही खिलाड़ियों ने छठे राउंड में भाग नहीं लिया था। सुनील गावस्कर के ऐसा बयान देने के पीछे विराट कोहली और केएल राहुल का न खेलना हो सकता है।