लगभग दस साल बाद भारतीय टीम ने बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी गंवा दी है। सीरीज के दौरान कप्तान रोहित शर्मा और विराट कोहली की फॉर्म काफी चर्चा में रही। ऑस्ट्रेलिया ने सिडनी टेस्ट में भारत को छह विकेट से हराकर सीरीज 3-1 से जीत ली है। टीम इंडिया ने पहले टेस्ट में जीत के साथ शुरूआत की लेकिन उसके बाद सीरीज में एक भी मैच नहीं जीत सकी।
कप्तान रोहित शर्मा और विराट कोहली की फॉर्म सीरीज के दौरान काफी चर्चा में रही। यही नहीं अपनी बुरी फॉर्म के कारण कप्तान रोहित शर्मा ने सिडनी टेस्ट मैच नहीं खेलने का निर्णय लिया। लेकिन ये मुश्किल कदम उठाने के बावजूद टीम को जीत नहीं मिल सकी।
इस बीच अब सिडनी में पांचवें टेस्ट के दूसरे दिन भारतीय कप्तान रोहित शर्मा के इंटरव्यू पर पूर्व ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज साइमन कैटिच ने बयानबाजी की है। खराब बल्लेबाजी फॉर्म के कारण रोहित ने सिडनी टेस्ट से बाहर होने के बाद अपने टेस्ट भविष्य को लेकर बढ़ती अटकलों पर प्रतिक्रिया दी थी।
रोहित ने पुष्टि की कि उन्होंने टेस्ट क्रिकेट खेलना बंद नहीं किया है और केवल रन बनाने की कमी के कारण बाहर बैठे हैं। याद रखें कि रोहित ने ऑस्ट्रेलियाई श्रृंखला के पिछले तीन टेस्ट मैचों में संघर्ष किया जिसमें उनका उनका उच्चतम स्कोर 10 रहा और उन्होंने 6.20 की औसत से केवल 31 रन बनाए
साइमन कैटिच ने रोहित शर्मा के इंटरव्यू पर प्रतिक्रिया देते हुए इंडिया टुडे से कहा:
“अगर आप आंकड़ों पर गौर करें तो वे बहुत ही निराशाजनक हैं। टेस्ट से बाहर होना उनका बहुत ही निस्वार्थ भाव था। मैंने उस इंटरव्यू में देखा कि उन्होंने बहुत अच्छी बातें कही हैं। इसमें कोई संदेह नहीं है कि क्रिकेट खेलने के बाद स्टैंड-अप कॉमेडी में उनका भविष्य है क्योंकि उनका मजाक बहुत अच्छा था।”
रोहित शर्मा के आगामी इंग्लैंड दौरे को लेकर भी साइमन ने बयानबाजी की और कहा-
“केवल रोहित शर्मा ही जानते हैं कि 37 साल की उम्र में उनमें फिर से खेलने की भूख और इच्छाशक्ति है या नहीं। टेस्ट क्रिकेट में टॉप ऑर्डर में 37 वर्षीय खिलाड़ियों के लिए जगह नहीं है। इतिहास यही बताता है और केवल रोहित शर्मा ही जानते हैं कि उनमें खेलने की भूख है या नहीं।”
“इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज आसान नहीं होने वाली है। इंग्लैंड अपनी बढ़त की ओर बढ़ रहा है। उनके पास कुछ अच्छे युवा तेज गेंदबाज हैं। गस एटकिंसन और ब्रायडन कार्से अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। मैं कह सकता हूं कि अगर वह इस दौरे पर जाने का फैसला करते हैं और भारतीय चयनकर्ता उन्हें सबसे पहले चुनते हैं तो यह एक कठिन दौरा होगा। क्योंकि उनके ये आंकड़े एकदम अच्छे नहीं है।”