एक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर के रूप में शीर्ष स्तर पर खेलना कई मुश्किलों का सामना करना होता है। जब एक अनजाने क्रिकेटर विश्वस्तरीय स्टार बन जाता है, तो उनके संघर्षों को नजरअंदाज कर दिया जाता है।
विपरीत परिस्थितियों से उबरने के लिए मानसिक बल की जरूरत होती है, और खिलाड़ियों को अपने पिछले अनुभवों से भी अधिक साहस चाहिए। हाल ही में रोहित शर्मा, भारतीय टीम के टेस्टऔर वनडे कप्तान ने ऐसे ही अनुभवों का खुलासा किया।
रोहित शर्मा ने एक हालिया चर्चा में बताया कि उन्होंने अपने करियर की शुरुआत में किन चुनौतियों का सामना किया था और उन अनुभवों ने उन्हें आज मजबूत इंसान बनाया है।
रोहित शर्मा: चुनौतियों से बना क्रिकेट का एक मजबूत सितारा
रोहित ने अपने शुरुआती दिनों की मुश्किलों को याद करते हुए बताया कि ट्रेन से घंटों सफर करने और लंबे समय तक खेलने के बावजूद भी उनका उत्साह नहीं टूटा। उनका कहना है कि इन मुश्किलों ने उनके व्यक्तित्व और क्रिकेट करियर को बनाया है। आज रोहित शर्मा सिर्फ एक अद्भुत बल्लेबाज ही नहीं, बल्कि टीम का प्रभावशाली कप्तान और प्रभावशाली निर्णायक भी हैं।
रोहित ने जितेंद्र चौकसे के यूट्यूब चैनल पर चर्चा के दौरान कहा।
“खेल की बहुत सारी मांगें होती हैं, चाहे वह जर्नी हो, स्किल्स सीखना हो, फिटनेस हो या ट्रेनिंग हो। मुंबई में, अगर आप एक क्रिकेटर बनना चाहते हैं, तो आपको जर्नी करनी होगी – ट्रेन से 2 घंटे का सफर, 5 से 6 घंटे का खेलना, फिर वापस यात्रा करना – आपको नहीं पता होता कि आपको सीट मिलेगी या नहीं। इसने शारीरिक और मानसिक रूप से मुझ पर असर डाला। लेकिन मुझे इसका आनंद मिला, और इन कठिन दौर ने मुझे मजबूत बनाया – इसी चीज ने आज मुझे वह बनाया जो मैं हूं और यह चीजें कठिन निर्णय लेने में मदद करते हैं।”