महान भारतीय क्रिकेटर एमएस धोनी ने एक और उपलब्धि अपने नाम की है। वह आईसीसी हॉल ऑफ फेम में शामिल होने वाले भारत के 11वें क्रिकेटर बन गए हैं। रवि शास्त्री, पूर्व भारतीय क्रिकेटर और कोच, ने इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर एमएस धोनी की तारीफ में अनोखा अंदाज अपनाया। शास्त्री ने एमएस धोनी की बिजली सी विकेटकीपिंग को एक पॉकेटमार से तुलना की और कहा कि उनके हाथ इतने तेज हैं कि बल्लेबाजों का “बटुआ” (विकेट) पलक झपकते गायब हो जाता है।
रवि शास्त्री ने एमएस धोनी की तारीफ में अनोखा अंदाज अपनाया
बल्लेबाजों के लिए एमएस धोनी का विकेट के पीछे होना हमेशा खतरा रहा है। जरा सी चूक और बल्लेबाज को पवेलियन की राह पकड़नी पड़ती थी। पूरी दुनिया को उनकी कप्तानी, बल्लेबाजी और खास तौर पर विकेटकीपिंग ने उनका दीवाना बनाया।
आईसीसी के समारोह में एमएस धोनी की प्रशंसा करते हुए रवि शास्त्री ने कहा, “उनके हाथ पॉकेटमार से भी तेज हैं।” आप अगर भारत में किसी बड़े मैच में, खासकर अहमदाबाद में खेल रहे हैं, तो आप कभी नहीं चाहेंगे कि धोनी विकेट के पीछे हों। आपका बटुआ गायब हो जाएगा जब आप पीछे मुड़कर देखेंगे।”
एमएस धोनी का संयम और नेतृत्व
शास्त्री ने धोनी के शांत स्वभाव की भी बहुत प्रशंसा की। उनका कहना था कि धोनी अपनी भावनाओं पर हर समय नियंत्रण रखते हैं। वह हमेशा एक जैसे रहते हैं, चाहे वह शून्य पर आउट हों या विश्व कप जीतें। उनका शतक हो या दोहरा शतक, उनका नजरिया वही रहता है। धोनी ने अपनी स्थिरता के कारण क्रिकेट में एक अलग स्थान हासिल किया है।
भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने 2007 में टी20 विश्व कप और 2011 में वनडे विश्व कप का खिताब जीता। इसके अलावा, 2013 में भारत ने चैंपियंस ट्रॉफी भी जीती। अब आईसीसी हॉल ऑफ फेम में शामिल होने के साथ धोनी का नाम क्रिकेट इतिहास में और भी सुनहरे अक्षरों में लिखा गया है। आपको क्या लगता है कि धोनी जैसा कोई दूसरा कप्तान जल्द देखने को मिलेगा?