22 नवंबर से शुरू होने वाली बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी का पहला टेस्ट मैच पर्थ के ऑप्टस स्टेडियम में खेला जाएगा। इस टेस्ट मैच को लेकर एक महत्वपूर्ण अपडेट सामने आया है। टीम इंडिया के ऑफ स्पिनर आर अश्विन को पहले टेस्ट मैच में मौका मिल सकता है। ऐसा क्यों हो सकता है? इसके पीछे का कारण भी हम आपको बताते हैं।
दरअसल, ऑस्ट्रेलियाई बैटिंग लाइनअप में बहुत से बाएं हाथ के बल्लेबाज हैं और उनका बाएं हाथ के स्पिनर के खिलाफ अच्छा रिकॉर्ड है। उस्मान ख्वाजा, ट्रैविस हेड और एलेक्स कैरी तीन बड़े खिलाड़ी हैं जिनसे हाई-वोल्टेज पांच मैचों की टेस्ट सीरीज में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की उम्मीद है। ऐसे में अश्विन इनके खिलाफ प्रभावी साबित हो सकते हैं।
आर अश्विन को पर्थ टेस्ट मैच में मौका मिल सकता है
अश्विन का रिकॉर्ड स्टीव स्मिथ और मार्नस लाबुशेन के खिलाफ भी बेहतर है। इसके अलावा, वे नाथन मैकस्वीनी एक युवा बल्लेबाज को भी परेशान कर सकते हैं। यही कारण है कि सुंदर और जडेजा से पहले अश्विन को मौका मिलने की उम्मीद है। तेज गेंदबाजी में जसप्रीत बुमराह के साथ मोहम्मद सिराज दिखाई देंगे। प्रसिद्ध कृष्णा या आकाशदीप तीसरे पेसर हो सकते हैं।
ऑलराउंडर नितीश रेड्डी को चौथे तेज गेंदबाज के तौर पर मौका मिल सकता है, जो बैटिंग और पेस बॉलिंग दोनों में मजबूती देंगे। हालाँकि, जडेजा और सुंदर को मौका नहीं देने से टीम इंडिया की बैटिंग कमजोर हो सकती है क्योंकि अश्विन की तुलना में दोनों अच्छी तरह से बल्लेबाजी कर सकते हैं।
आपको बता दें कि ऑस्ट्रेलिया की पिचें स्पिनर्स के लिए उतनी अनुकूल नहीं होती है। तमिलनाडु के स्पिनर अश्विन ने ऑस्ट्रेलिया में 10 टेस्ट मैचों में 42.15 की औसत से 39 विकेट लिए हैं, जो किसी भी देश में उनका दूसरा सबसे कम औसत है। इससे स्पिनर्स को वहां विकेट निकालना कितना मुश्किल हो जाता है, इसका अनुमान लगाया जा सकता है।