भारतीय बल्लेबाजों को बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी 2024-25 में काफी संघर्ष करना पड़ा है। मेन इन ब्लू के लिए एक बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल, जो 2024 में शानदार लय में दिखाई दिए हैं, पर्थ टेस्ट के बाद वह भी मुश्किल में दिखाई दे रहे हैं। भारत के लिए वह इस सीजन में सर्वश्रेष्ठ टेस्ट बल्लेबाज रहे हैं लेकिन जारी सीरीज में जल्दी-जल्दी आउट हुए हैं।
इसलिए उनकी बल्लेबाजी स्टाइल को लेकर विशेषज्ञों ने प्रश्न उठाए और आलोचना भी की है। आलोचकों में बीजीटी 2020-2021 सीरीज के भारत के गाबा हीरो चेतेश्वर पुजारा भी शामिल हैं। उनका कहना था कि वह चीजों को लेकर बहुत जल्दबाजी कर रहे हैं और उन्हें खुद को कुछ समय देना चाहिए।
चेतेश्वर पुजारा ने कहा कि उन्हें खुद को थोड़ा और समय देने की जरूरत है, जिस तरह से वह खेल रहे हैं
स्टार स्पोर्ट्स से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि उन्हें थोड़ा और समय देने की जरूरत है, जिस तरह से वे खेल रहे हैं, वह जल्दबाजी करने की कोशिश कर रहे हैं, वह अधिक शॉट मारने की कोशिश कर रहे हैं। उन्हें तभी शॉट खेलने चाहिए जब वह इसके लिए पूरी तरह आश्वस्त हो, खासकर पहले पांच से दस ओवरों में, क्योंकि ऐसा लगता है कि वह रन बनाने की जल्दी में है, वह तेज शुरुआत चाहते हैं और पहले पंद्रह से बीस रन तेजी से बनाना चाहते हैं।
चेतेश्वर पुजारा ने कहा कि जब आप टेस्ट क्रिकेट में ओपनर होते हैं तो आप गेंद की तलाश में नहीं जाते हैं बल्कि मेरिट के आधार पर गेंद खेलते हैं। वीरेंद्र सहवाग भी आक्रामक बल्लेबाज थे लेकिन वह सिर्फ तब शॉट मारते थे जब गेंद उनके जोन में पिच होती थी।
2024 में यशस्वी जायसवाल ने 27 पारियों में 52.48 की औसत से 1,312 रन बनाए हैं, जिसमें सात अर्धशतक और तीन शतक शामिल हैं। ध्यान दें कि वह किसी भारतीय बल्लेबाज द्वारा एक कैलेंडर वर्ष में सर्वाधिक रन बनाने के सचिन तेंदुलकर के रिकॉर्ड को तोड़ने से सिर्फ 250 रन दूर हैं।