भारत और बांग्लादेश के बीच तीन मैचों की टी20 सीरीज हाल ही में समाप्त हुई है। भारत ने बांग्लादेश को 3-0 से हराया और सीरीज अपने नाम की। तो वहीं इस सीरीज में टीम इंडिया की ओर से युवा ऑलराउंडर नीतीश कुमार रेड्डी (Nitish Kumar Reddy) डेब्यू करने में सफल रहे हैं।
रेड्डी ने दूसरे टी20 मैच में 34 गेंदों में 74 रनों की शानदार पारी खेली। इस पारी के बाद वह क्रिकेट जगत में अपना नाम बनाने में सफल रहे। हालांकि, क्रिकेटर के लिए यह इतना भी आसान नहीं था।
नीतीश को सफल क्रिकेटर बनाने में उनके पिता मुत्याला रेड्डी का बड़ा हाथ है। हाल ही में उन्होंने अपने प्रशंसकों को नीतीश की सफलता की प्रेरणादायक कहानी बताई है। गौरलतब है कि क्रिकेटर के पिता ने उन्हें क्रिकेटर बनाने के लिए उदयपुर में अपनी 25 साल की बची हुई नौकरी को ना करने का फैसला किया था।
पिता ने नीतीश को क्रिकेटर बनाने के लिए नौकरी छोड़ दी थी
नीतीश के पिता मुत्याला रेड्डी ने हाल में एक बयान में कहा कि उस समय नीतीश सिर्फ क्रिकेट की बुनियादी बातें सीख रहे थे और मैंने सोचा कि अगर मैं उदयपुर जाऊंगा तो उनके लिए भाषा का मैनेज करना मुश्किल होगा और हम क्रिकेट के संबंध में सुविधाओं के बारे में भी निश्चित नहीं थे। इसलिए मैंने यह सोचा बेहतर होगा कि मैं अपने मूल स्थान पर ही रहूं और नीतीश को उसके जुनून को आगे बढ़ाने में मदद करूं।
मुत्याला रेड्डी ने आगे कहा- एकमात्र व्यक्ति जिसके बारे में मैं चिंतित था और जिसके प्रति मैं जबावदारी महसूस करता था, वो मेरी पत्नी थी। मैंने उनसे बात की और उनसे कहा कि गैर जरूरी खर्चों को कम करना चाहिए, मैंने उन्हें सामान्य जीवन जीने के लिए भी प्रेरित किया।
उन्होंने मुझे एक भी शब्द नहीं कहा और सिर्फ सिर हिलाया। आज तक, वो मेरी सबसे बड़ी सोर्स हैं। मैं उनसे कहा तुम हमारी बेटी और उसकी पढ़ाई का ख्याल रखें, मैं नीतीश के क्रिकेट को संभाल लूंगा।उसकी पढ़ाई के बारे में ज्यादा चिंता मत करो।