जब से रोहित शर्मा एडिलेड टेस्ट में खेले गए पिंक बॉल टेस्ट में फेल हुए हैं तब से कई क्रिकेट विश्लेषकों का कहना है कि रोहित को तीसरे टेस्ट में फिर से ओपनिंग करना चाहिए। रोहित ने अपने दूसरे बच्चे के जन्म के कारण पर्थ में खेले गए पहले टेस्ट टेस्ट में भाग नहीं लिया था। केएल राहुल ने यशस्वी जायसवाल के साथ उनकी गैरमौजूदगी में शानदार बल्लेबाजी करते हुए पारी की शुरुआत की थी।
वहीं तीसरे टेस्ट में रोहित को ओपनिंग करना चाहिए या मिडिल ऑर्डर में खेलना चाहिए, इसको लेकर जब इकनोमिक टाइम्स के हवाले से बीसीसीआई के एक ‘लेवल थ्री’ कोच से बात की गई तो उन्होंने रोहित की बल्लेबाजी में आई तकनीकी खामी का हवाला देते हुए कहा कि उनके लिए पारी का आगाज करना उतना अच्छा नहीं होगा।
रोहित शर्मा गेंद की लेंथ को भांपने में अधिक समय ले रहे हैं- NCA कोच
रोहित की तकनीक पर राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (NCA) में काम कर चुके इस कोच ने कहा, ‘‘रोहित शर्मा ने अपने पूरे करियर में बहुत ही सीमित फुटवर्क कर इस्तेमाल किया है। जब वह अपने बेस्ट फॉर्म में थे तब भी अधिक फुटवर्क का इस्तेमाल नहीं करते थे। 37 साल से अधिक उम्र होने के बाद, उनकी गेंद पर शरीर की प्रतिक्रिया (रिफ्लेक्स) धीमी हो गई है और वह गेंद की लेंथ को भांपने में अधिक समय ले रहे हैं।’’
सलामी बल्लेबाज रह चुके इस कोच ने कहा, ‘‘जब आपकी रिफ्लेक्स कमजोर होती है तो आप कदमों का ज्यादा इस्तेमाल नहीं करते। वह अगर गाबा में पारी शुरू करेंगे, तो उन्हें लाल कूकाबुरा गेंद की स्विंग से समझौता करना मुश्किल होगा। वह छठे क्रम पर आएंगे तो बहुत संभावना होगी कि वह पुरानी गेंद का सामना करें। 80 ओवर के खेल के बाद अगर नयी गेंद ली भी गयी तो तब तक ऑस्ट्रेलिया के गेंदबाज काफी थक गए होंगे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘रोहित को आईपीएल में तेजी से रन बनाने में कोई परेशानी नहीं होगी, क्योंकि यहां उन्हें 130 किलोमीटर प्रति घंटे वाले कुछ घरेलू गेंदबाजों का सामना करना होगा।“आप उनके आउट होने के तरीके को देखेंगे तो वह अपने अगले पैर को ज्यादा बाहर नहीं निकाल रहे हैं,” उन्होंने कहा। ज्यादा पैर बाहर निकालने से गेंद की स्विंग का प्रभाव कम हो सकता है।‘’