भारत के पूर्व लेफ्ट आर्म स्पिनर मुरली कार्तिक ने कहा कि यूएई के खिलाफ मैच से कुछ घंटे पहले मैच का बायकाट करने की धमकी देना और फिर अंत में मैच खेलने जाना अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बच्चों जैसा व्यवहार था। उनका कहना था कि किंडरगार्टन के बच्चे भी इससे बेहतर व्यवहार करते हैं।
14 सितंबर को दुबई में भारत और पाकिस्तान के बीच हुए महत्वपूर्ण मैच के बाद यह ड्रामा शुरू हुआ, जिसमें मैच रेफरी एंडी पाइक्रॉफ्ट के बीच हुए एक ‘नो-हैंडशेक’ विवाद ने माहौल खराब कर दिया था।
पाइक्रॉफ्ट के व्यवहार से नाराज पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने मांग की कि उन्हें पाकिस्तान की टीम के अगले मैचों में रेफरी के पद से हटा दिया जाए। लेकिन आईसीसी ने उनकी मांग नहीं मानी और यूएई के खिलाफ पाकिस्तान के महत्वपूर्ण मैच में भी पाइक्रॉफ्ट को रेफरी के तौर पर बरकरार रखा।
पीसीबी की प्रोफेशनल रवैये की कमी की मुरली कार्तिक ने आलोचना की
मुरली कार्तिक ने पीसीबी की प्रोफेशनल रवैये की कमी की आलोचना की और कहा कि वे मैच में समय पर नहीं पहुंचे और देरी भी की।
मुरली कार्तिक ने बात करते हुए कहा, “अभी मेरे दिमाग में सिर्फ यही शब्द आ रहा है कि यह पूरी तरह से बचकाना है।” मैं और कुछ नहीं सोच रहा हूँ। अगर आप कुछ कहना चाहते हैं, तो आगे बढ़ें। मुझे लगता है कि हर व्यक्ति को अपनी जिंदगी में एक स्टैंड लेना चाहिए, उस पर कायम रहना चाहिए और उस पर विश्वास करना चाहिए।”
“मुझे लगता है कि आजकल तो किंडरगार्टन के बच्चे भी ऐसा व्यवहार नहीं करते,” मुरली कार्तिक ने कहा।”
इससे पहले ग्रुप मैच के लिए पाकिस्तान ने होटल से बाहर जाने से मना कर दिया था, क्योंकि पाइक्रॉफ्ट को यह मैच अंपायर करना था और लगातार हंगामे के कारण यह मैच निर्धारित समय 8 PM (भारतीय समय के अनुसार) के बजाय 9 PM (भारतीय समय के अनुसार) पर शुरू हुआ।