ग्लेन मैक्सवेल ने अभी भी ऑस्ट्रेलिया के लिए टेस्ट क्रिकेट खेलने की उम्मीद नहीं छोड़ी है। 2013 में मैक्सेवल ने खेल के सबसे बड़े फार्मेट में ऑस्ट्रेलिया के लिए ऐतिहासिक बैगी ग्रीन जीता था।
लेकिन इसके बाद अगले चार साल में ऑस्ट्रेलिया के लिए उन्हें सिर्फ सात टेस्ट मैच खेलने का मौका मिला। मैक्सवेल ने 2017 में आखिरी बार ऑस्ट्रेलिया के लिए रेड बाॅल क्रिकेट खेला था।
ग्लेन मैक्सवेल ने इसी मुद्दे पर बोलते हुए कहा कि अभी भी उम्मीद की किरण बाकी है और वह इसके पीछे जाना चाहते हैं। बता दें कि क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया (CA) ऑलराउंडर कैमरन ग्रीन के बार्डर-गावस्कर ट्राफी से बाहर होने के बाद भी मैक्सवेल की ओर नहीं देख रहा है। लेकिन मैक्सवेल को उम्मीद है कि इसमें जल्द से जल्द बदलाव आएगा।
ग्लेन मैक्सवेल ने महत्वपूर्ण बड़ा बयान दिया
मैक्सवेल ने ऑस्ट्रेलिया के लिए टेस्ट क्रिकेट खेलने के बारे में कहा, “मुझे लगता है कि अगर मैं अब उस टेस्ट क्रिकेट खेलने के सपने को छोड़ दूँगा, तो मुझे नहीं लगता कि मैं उस युवा ग्लेन मैक्सवेल के साथ न्याय कर पाऊंगा, जो बचपन में बैगी ग्रीन पहनने के लिए मर रहा था।” जब तक आशा की किरण बाकी है, मुझे लगता है कि मैं इसके लिए प्रयास करता रहूँगा।
मैक्सवेल ने कहा कि मुझे लगता है कि टेस्ट क्रिकेट में सबसे मुश्किल बात यह है कि मैं बस यही करना चाहता था जब मैं बड़ा हुआ। मुझे निश्चित रूप से टेस्ट क्रिकेट में समय से पहले मौका मिला। डेब्यू करने का मौका मिलते ही यह सब बहुत जल्दी हुआ। मुझे पता नहीं था कि मैं क्या कर रहा था। शायद मुझे फर्स्ट क्लास क्रिकेट का वो अनुभव नहीं मिल पाया, जो मुझे पसंद आता।