लॉर्ड्स मैदान, जिसे “क्रिकेट का मक्का” कहा जाता है, हर बल्लेबाज को शतक लगाने का सपना होता है, शतक लगाने वाले खिलाड़ी को ऑनर्स बोर्ड पर जगह मिलती है। भारत-इंग्लैंड टेस्ट मैच में भारतीय सलामी बल्लेबाज केएल राहुल ने यह गौरव हासिल किया। इंग्लैंड के खिलाफ उन्होंने शानदार शतक बनाकर इस सम्मान को अपने नाम किया। हालाँकि, ऋषभ पंत को इस उपलब्धि के लिए रनआउट की कीमत चुकानी पड़ी।
भारत ने 107 रनों पर कप्तान शुभमन गिल का विकेट खो दिया तो ऋषभ पंत बल्लेबाजी के लिए आए। तीसरे दिन पंत और राहुल ने शतकीय साझेदारी कर टीम को मजबूत स्थिति में पहुंचाया। लेकिन राहुल 90 के दशक में थे और ब्रेक से पहले शतक पूरा करना चाहते थे। उन्होंने इस इच्छा को पंत के साथ साझा किया था, जिसके चलते एक गलतफहमी ने पंत को रनआउट करा दिया।
केएल राहुल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस बात का खुलासा किया
मैच के बाद केएल राहुल ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस बात का खुलासा किया। “कुछ ओवर पहले मैंने पंत से कहा था कि अगर संभव हुआ, तो मैं लंच से पहले शतक पूरा कर लूंगा,” उन्होंने कहा। यह शोएब बशीर के आखिरी ओवर में शतक बनाने का सही मौका था, लेकिन मेरी गेंद दुर्भाग्य से सीधे फील्डर के पास चली गई।”
“यह ऐसी गेंद थी, जिस पर मैं चौका मार सकता था,” राहुल ने कहा। पंत ने स्ट्राइक रोटेट करने की कोशिश की ताकि मैं फिर से बल्लेबाजी कर सकूँ। किंतु उस रनआउट ने खेल की दिशा बदल दी। पंत और मैं दोनों निराश थे। कोई भी बल्लेबाज इस तरह अपना विकेट गंवाना नहीं चाहता।”