इंग्लैंड के प्रसिद्ध तेज गेंदबाज जेम्स एंडरसन ने हाल ही में अपने रिटायरमेंट को लेकर खुलकर बात की है। 42 वर्षीय एंडरसन ने बताया कि जब उन्हें टीम से बाहर कर दिया गया, तो उनके मन में अभी भी क्रिकेट खेलने की पूरी तैयारी थी।
The Independent को दिए गए एक इंटरव्यू में एंडरसन ने कहा, “मैं मानसिक रूप से रिटायरमेंट के आस-पास भी नहीं था।” अगले छह, बारह या आठ महीने में टेस्ट क्रिकेट खेलने की मेरी योजना थी। मेरे अंदर अभी भी वही जुनून और मेहनत करने की चाह थी।”
टीम मैनेजमेंट का निर्णय, जेम्स एंडरसन के लिए झटका
इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड (ECB) के मैनेजिंग डायरेक्टर रॉब की, कप्तान बेन स्टोक्स और कोच ब्रेंडन मैकुलम ने मई 2024 में एंडरसन को बताया कि टीम अब आगे बढ़ना चाहती है और उनके लिए अब योजना में जगह नहीं है।
एंडरसन को इस खबर से आश्चर्य हुआ। उन्होंने उसी हफ्ते अपने संन्यास की घोषणा कर दी और वेस्टइंडीज के खिलाफ लॉर्ड्स में पहला टेस्ट उनका आखिरी मैच बना। उस मैच में एंडरसन ने चार विकेट चटकाए और टेस्ट क्रिकेट को विदाई दी।
जेम्स एंडरसन को कोचिंग की भूमिका से सुकून मिला
रिटायरमेंट के बाद एंडरसन ने टीम को छोड़ने की बजाय बतौर बॉलिंग मेंटर बनने का निर्णय लिया। इससे उन्हें मन को शांति मिली। “अगर मैं सीधे टीम से बाहर चला जाता, तो शायद इस फैसले को पचाना और भी मुश्किल होता,” उन्होंने कहा। लेकिन ड्रेसिंग रूम में रहकर, टीम का हिस्सा बने रहना मेरे लिए सही फैसला था।”
एंडरसन ने लॉर्ड्स में अपने अंतिम टेस्ट के आखिरी दिन मैदान पर दर्शकों की भारी भीड़ से काफी प्रभावित हुआ। “वो आखिरी सुबह सिर्फ एक घंटे की थी लेकिन पूरा स्टेडियम भरा हुआ था,” उन्होंने कहा। इतने लोगों का प्यार देखना मेरे लिए अविस्मरणीय था।”
जेम्स एंडरसन ने 187 टेस्ट मैचों में 700 विकेट झटके। वे इंग्लैंड और दुनिया भर में सबसे सफल तेज गेंदबाजों में गिने जाते हैं। टीम मैनेजमेंट के निर्णय से भले ही वे मैदान से चले गए, लेकिन उनके दिल में क्रिकेट का प्यार और जूनून आज भी जीवित है।