हाल ही में विराट कोहली ने इंडियन प्रीमियर लीग के अपने पहले सीजन में खेलने के बारे में बताया, जो 2008 में हुआ था। उन्होंने भारत के कुछ सबसे प्रमुख क्रिकेटरों के साथ रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के ड्रेसिंग रूम को साझा करने के रोमांच को याद किया। इस महान बल्लेबाज ने बताया कि रोमांच के साथ-साथ उम्मीदों का बोझ भी बढ़ गया था।
विराट कोहली ने जिओसिनेमा शो पर बात करते हुए कहा कि डेब्यू मैच में उत्साह के साथ दबाव भी था। मैं जानता था कि मेरा खेल अभी इस स्तर पर नहीं है। मुझे खुद को साबित करना था। मेरा पहला सीजन दबाव के कारण अच्छा नहीं गया, लेकिन वह अनुभव अच्छा था। हमारे शायद नॉर्थ ज़ोन के दिनों के ज़हीर खान और युवराज सिंह को छोड़कर मैं पहले कभी किसी से नहीं मिला था।
इसलिए अनिल कुंबले और राहुल द्रविड़ जैसे नामी खिलाड़ियों के साथ ड्रेसिंग रूम में जाना एक काल्पनिक दुनिया जैसा लगा। लेकिन उत्साह का दबाव भी था। मैं खुद को साबित करना चाहता था, और मैं जानता था कि मेरा खेल अभी उस स्तर पर नहीं था। आखिरकार, पहले सीज़न के दबाव ने मुझे जकड़ लिया। लेकिन यह अनुभव अविस्मरणीय था।
विराट कोहली टॉप ऑर्डर में बैटिंग करने को लेकर बोले
विराट कोहली ने कहा कि शुरुआत में टॉप ऑर्डर में खेलने का मौका नहीं मिला था। कोहली ने RCB के साथ अपने पहले तीन सालों को याद किया, “RCB के साथ अपने पहले तीन सालों में मुझे टॉप ऑर्डर में बैटिंग करने का ज्यादा मौका नहीं मिला।” मैं अक्सर निचले ऑर्डर में जाता था। इसलिए मैं IPL में शुरुआत में कुछ खास प्रदर्शन नहीं कर पाया।
2009 का सीजन मेरे लिए कुछ बेहतर रहा। उस साल पिचें मेरे खेल के लिए अच्छी थीं; गेंद बल्ले पर अच्छी तरह से आती थी और मैं अपने शॉट्स को अधिक स्वतंत्रता से मार सकता था। मेरे करियर में यह एक दिलचस्प दौर था। 2010 के बाद से मैंने अच्छा परफॉर्म करना शुरू कर दिया और 2011 तक मैं रेगुलर तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी करने लगा।’