31 जुलाई से इंग्लैंड और भारत के बीच केनिंगटन ओवल, लंदन में जारी एंडरसन-तेंदुलकर ट्राॅफी टेस्ट सीरीज का आखिरी मुकाबला खेला जाएगा। सीरीज को बचाने के लिए शुभमन गिल एंड कंपनी के लिए यह मैच बहुत महत्वपूर्ण है। इंग्लैंड ने चार मैचों के बाद सीरीज में 2-1 से बढ़त बनाई है।
क्रिकेट फैंस मैच शुरू होने से पहले स्टेडियम की पिच रिपोर्ट जानने के लिए भी बहुत उत्सुक हैं। यही कारण है कि आज की खबर में हम आपको केनिंगटन ओवल मैदान की पिच की स्थिति पर चर्चा करेंगे।
केनिंगटन ओवल स्टेडियम की पिच रिपोर्ट
ऐतिहासिक रूप से यहाँ की पिच शुरू में सपाट होती है, लेकिन कुछ दिनों में क्रैक आना शुरू हो जाता है। आखिरी दो दिनों में स्पिनरों का दबदबा रहेगा। नई गेंद तेज गेंदबाजों को पकड़ और सीम मूवमेंट देगी।
कुल मिलाकर, यह एक और ऐसी पिच है जो बल्लेबाजों के लिए मददगार साबित होगी। लेकिन दरारें चौड़ी हो जाती हैं और उछाल असमान हो जाता है, इसलिए आखिरी दो दिन खेल में स्पिनर आते हैं। तेज गेंदबाजों को धैर्य रखना होगा और लगातार सही दिशा में गेंदबाजी करनी होगी।
एक बार देखने के बाद पिच बल्लेबाजी के लिए भी फायदेमंद हो सकती है। इसलिए, दोनों टीमें यहां पर टास जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का निर्णय ले सकती हैं। लेकिन विकेट लेने के लिए तेज गेंदबाजों को हर समय सही लाइन और लेंथ पर गेंदबाजी करनी होगी।
2007 में भारत ने इस पिच पर सर्वाधिक 664 रन बनाए थे। 1934 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ इंग्लैंड ने इस मैदान पर सर्वश्रेष्ठ स्कोर 903/7 रन बनाया था।
ओवल में पहले बल्लेबाजी करने वाली टीमों का औसत रन रेट 107 मैचों में 2.91 है। यहां पहले बल्लेबाजी करने वाली टीमों ने चालिस बार जीत हासिल की है और 30 बार हार का सामना किया है। 37 मैच ड्रॉ रहे हैं।