इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) को सिर्फ क्रिकेट टूर्नामेंट कहना शायद सही नहीं होगा क्योंकि यह अब एक बड़ा बिजनेस मॉडल बन चुका है। खिलाड़ियों की बोली से लेकर हर मैच की चमक-दमक तक, सब कुछ में पैसा दिखाई देता है। यही कारण है कि अधिकांश लोग खिलाड़ियों और कोचों के वेतन की चर्चा करते हैं जब बात पैसे की होती है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि अंपायर भी इस लीग से लाखों रुपये कमाते हैं?
अंपायर मैदान के गुमनाम मगर असली हीरो होते हैं
आईपीएल में अंपायर का काम सिर्फ निर्णय लेना नहीं है। पूरे मैच का रुख उनकी एक गलती से बदल सकता है। वह अक्सर चर्चा में आते हैं जब कोई विवाद होता है, लेकिन उनकी मौजूदगी के बिना एक भी गेंद फेंकी नहीं जा सकती। ऐसे में कहना गलत नहीं होगा कि अंपायरों का मैदान पर उतना ही अधिकार है जितना खिलाड़ियों का भी।
फीस कितनी मिलती है?
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) अपने घरेलू टूर्नामेंट्स में अंपायरों को उनके पद के अनुसार भुगतान करता है। ग्रेड-ए अंपायरों को प्रतिदिन 40 हजार रुपये मिलते हैं, जबकि ग्रेड-बी अंपायरों को 30 हजार रुपये प्रतिदिन मिलते हैं।
लेकिन आईपीएल कुछ अलग है। यहाँ अंपायरों का वेतन सीधे लाखों में पहुंचता है। एक रिपोर्ट के अनुसार, आईपीएल में एक मैच में मैदानी अंपायर को 3 लाख रुपये तक मिलते हैं। वहीं, एक मैच के लिए ₹2 लाख तक की राशि चौथे अंपायर को दी जाती है, जो मैदान से बाहर रहकर तकनीकी और प्रबंधन की जिम्मेदारी संभालते हैं।
कठिन काम, भारी दबाव
अगर कोई फैसला गलत हो गया तो खिलाड़ी नाराज हो सकते हैं, दर्शक आलोचना कर सकते हैं, और सोशल मीडिया पर चर्चा छिड़ जाती है। ऐसे वातावरण में काम करना आसान नहीं होता। इसके बावजूद, अंपायर हर मैच में सतर्क और निष्पक्ष रहते हैं, ताकि खेल की गरिमा बरकरार रहे।
आईपीएल खिलाड़ियों और अंपायरों दोनों के लिए एक अद्भुत अवसर है। उन्हें अच्छा वेतन मिलता है और निष्पक्षता और काबिलियत साबित करने का मंच मिलता है। अगली बार जब आप कोई आईपीएल मैच देखें, तो खिलाड़ियों के साथ-साथ उन अंपायरों को भी ध्यान से देखिए, जो हर गेंद पर पूरी ईमानदारी से नजर बनाए रखते हैं।