लॉर्ड्स में भारत-इंग्लैंड के बीच खेले जा रहे तीसरे टेस्ट में इंग्लैंड ने भारत को जीत के लिए 193 रनों का लक्ष्य दिया है। इंग्लैंड की दूसरी पारी रविवार को मैच के चौथे दिन 192 रनों पर सिमट गई। शानदार गेंदबाजी करते हुए स्पिन ऑलराउंडर वॉशिंगटन सुंदर ने 12.1 ओवर में केवल 22 रन देकर चार महत्वपूर्ण विकेट हासिल किए। शुभमन गिल की अगुवाई वाली भारतीय टीम के पास इस टेस्ट में जीत दर्ज कर सीरीज में बढ़त लेने का सुनहरा अवसर है क्योंकि पांच मैचों की सीरीज अभी 1-1 की बराबरी पर है।
लॉर्ड्स में भारत का रिकॉर्ड: लक्ष्य का पीछा चुनौतीपूर्ण रहा है
भारत को लॉर्ड्स में लक्ष्य का पीछा करना हमेशा चुनौतीपूर्ण रहा है। भारत ने इस मैदान पर सात बार लक्ष्य का पीछा किया, लेकिन केवल एक बार जीत हासिल की, चार बार हारी और दो बार ड्रॉ हो गया। 1986 में कपिल देव की कप्तानी में भारत ने लॉर्ड्स में लक्ष्य का पीछा करते हुए एकमात्र जीत हासिल की थी, जब टीम ने 134 रनों का लक्ष्य पांच विकेट से हासिल किया था।
यह भारत की लॉर्ड्स में पहली टेस्ट जीत थी। भारत ने इस मैदान पर 19 टेस्ट खेले हैं और केवल 3 जीते हैं।1986, 2014 (एमएस धोनी की कप्तानी में 95 रन से), और 2021 (विराट कोहली की कप्तानी में 151 रन से)।
लॉर्ड्स में सबसे बड़ा लक्ष्य और ऐतिहासिक रिकॉर्ड
1984 में वेस्टइंडीज ने इंग्लैंड के खिलाफ 342 रन बनाकर नौ विकेट से जीत हासिल की, लॉर्ड्स में चौथी पारी में सबसे बड़ा लक्ष्य चेज करने का रिकॉर्ड बनाया था। कुल मिलाकर, लॉर्ड्स में पहले फील्डिंग करने वाली टीम ने 149 टेस्ट में 44 जीते, 53 हारे, और 51 ड्रॉ रहे। इंग्लैंड ने पहली पारी में टॉस जीतकर 387 रन बनाए, जबकि भारत ने पहली पारी में 387 रन बनाकर स्कोर बराबर किया।
इंग्लैंड की धरती पर सबसे बड़ा लक्ष्य
इंग्लैंड की सरजमीं पर सबसे बड़ा लक्ष्य ऑस्ट्रेलिया ने 1948 में लीड्स में चेज किया था, जब उसने 404 रनों का पीछा किया। 2022 में बर्मिंघम में भारत के खिलाफ इंग्लैंड ने 378 रनों का लक्ष्य हासिल किया था। भारत के सामने अब लॉर्ड्स में 193 रनों का लक्ष्य है; जीत उसे सीरीज में बढ़त दिलाने के साथ-साथ चौथी टेस्ट जीत का ऐतिहासिक मौका भी दे सकती है।