2024 टी20 वर्ल्ड कप, उसके बाद की द्विपक्षीय सीरीज और बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में ऋषभ पंत का प्रदर्शन निराशाजनक रहा। लेकिन इंग्लैंड के खिलाफ एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी के पहले टेस्ट मैच में उन्होंने दोनों पारियों में शतक जड़कर सबको चौंका दिया। यह उपलब्धि उनकी कड़ी मेहनत और जिम्मेदारी भरे रवैये का परिणाम है। ऐसा लगता है कि महान बल्लेबाज सुनील गावस्कर की एक फटकार ने उन्हें गंभीरता से प्रेरित किया।
सुनील गावस्कर की एक फटकार ने ऋषभ पंत को गंभीरता से प्रेरित किया
बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के दौरान, सुनील गावस्कर ने पंत को ऑन-एयर “स्टूपिड, स्टूपिड… स्टूपिड” कहकर फटकार लगाई थी। हालांकि, बाद में दोनों एक विज्ञापन में साथ नजर आए, लेकिन गावस्कर की इस डांट का पंत पर गहरा असर हुआ। इसे उन्होंने प्रेरणा के रूप में लिया और अपने खेल में सुधार के लिए कड़ा परिश्रम शुरू किया।
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, मेलबर्न टेस्ट में बुरा प्रदर्शन के बाद पंत ने अपनी ट्रेनिंग को और अधिक गंभीरता से लिया। उसने कथित तौर पर अभ्यास पर ध्यान देने के लिए अपना मोबाइल फोन बंद कर दिया और व्हाट्सएप भी अनइंस्टॉल कर दिया। “पंत ने दिन-रात कठिन ट्रेनिंग सेशन किए,” भारत के पूर्व स्ट्रेंथ और कंडीशनिंग कोच सोहम देसाई ने बताया। खाली समय में भी वह मेरे साथ जिम में अभ्यास करता था। उन्हें काम के बोझ या थकान की परवाह नहीं थी। उनका एकमात्र लक्ष्य था खुद को बेहतर बनाना था।”
“फाइनल के दिन, पंत मेरे पास थोड़ा अपराधबोध के साथ आए और पूछा कि क्या वह एक दिन की छुट्टी ले सकते हैं,” देसाई ने बताया। मैंने उनसे कहा कि ऐसा करना चाहिए। पंत की शारीरिक और मानसिक क्षमता इतनी अच्छी है कि वह एक साल तक बिना बहुत मेहनत किए भी अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं। यही कारण है कि हेडिंग्ले टेस्ट में दो शतक लगाने और लंबे समय तक विकेटकीपिंग करने के बावजूद उन्हें इतनी चुस्ती के साथ खेलते देखा जा सकता है।”