भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने कहा कि युवा सरफराज खान को विदेशों में मौका दिए बगैर उनकी बल्लेबाजी क्षमता पर निर्णय सुनाना किसी युवा खिलाड़ी के खिलाफ किसी अन्याय से कम नहीं है। गांगुली ने कहा कि बाॅर्डर-गावस्कर ट्राॅफी टेस्ट सीरीज में उनके प्रदर्शन के बाद आलोचकों को कोई राय देनी चाहिए।
साल की शुरुआत में 27 वर्षीय खिलाड़ी ने घरेलू क्रिकेट में रिकाॅर्ड ब्रेक प्रदर्शन के बाद इंग्लैंड के खिलाफ उत्कृष्ट डेब्यू किया था। हाल ही में सरफराज ने न्यूजीलैंड के खिलाफ बेंगलुरू में अपना डेब्यू शतक लगाया था लेकिन उसके बाद उन्होंने अगले दो मैचों में कुछ खास प्रदर्शन नहीं किया।
सौरव गांगुली ने बड़ा बयान दिया
दूसरी ओर, बीजीटी शुरू होने से पहले पूर्व कप्तान ने रेवस्पोर्ट्ज से बात करते हुए कहा कि आपको उसे जानने का मौका देना होगा, उसे मौका दिए बिना आप कुछ कैसे कह सकते हैं? उन्होंने घरेलू क्रिकेट में काफी रन बनाए हैं और टीम में अपनी जगह बनाई है, इसलिए उसे पहले फेल तो होने दीजिए।
गांगुली ने कहा, “इसलिए, उसे मौका दिए बिना उसे खारिज न करें; एक बार जब आप ऐसा करेंगे, आप उसका आकलन करने की स्थिति में होंगे।” मैं पूरी तरह से सहमत हूँ: आपको उन्हें यह जानने का अवसर देना चाहिए कि वह कितना बुरा या अच्छा है, ऐसा किए बिना, उनके बारे में कोई फैसला न लें।
दूसरी ओर, बीजीटी श्रृंखला की बात करें तो टीम इंडिया ट्राॅफी की गत चैंपियन है। सीरीज का पहला टेस्ट मैच 22 नवंबर को पर्थ में खेला जाएगा। लेकिन रोहित पहले टेस्ट मैच में व्यक्तिगत कारणों से नहीं खेल पाएंगे। यह देखने लायक होगी कि मिडिल ऑर्डर में मैनेजमेंट सरफराज खान या ध्रुव जुरेल में से किसे प्लेइंग इलेवन में मौका देता है?