फरवरी में होने वाले आगामी चैंपियंस ट्रॉफी 2025 में ब्रिटिश राजनेताओं के एक ग्रुप ने इंग्लैंड बनाम अफगानिस्तान मुकाबले का बहिष्कार करने का आग्रह किया था। यह कदम अफगानिस्तान में तालिबान शासन के दबदबे के मद्देनजर महिलाओं के अधिकारों पर उठाया गया है जो दुनिया भर में चर्चा का विषय बना हुआ है।
अपनी सरकार द्वारा उन्होंने अफगानिस्तान की महिलाओं के साथ अनुचित व्यवहार के लिए असंतोष दिखाने के लिए एक समविनवत अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद के नेतृत्व में प्रतिक्रिया का आह्वान किया है। आईसीसी ने हाल ही में आगामी चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के शेड्यूल की घोषणा की थी, जो पाकिस्तान और UAE में खेला जाना है।
इंग्लैंड को 26 फरवरी को अफगानिस्तान के खिलाफ लाहौर में अपना दूसरा मैच खेलना है
160 से अधिक राजनेताओं के क्रॉस-पार्टी समूह द्वारा हस्ताक्षरित एक पत्र लेबर सांसद टोनिया एंटोनियाजी ने इंग्लैंड और वेल्स क्रिकेट बोर्ड को लिखा।
ईसीबी के प्रमुख एग्जीक्यूटिव रिचर्ड गुल्ड ने कहा, “ईसीबी तालिबान शासन के तहत अफगानिस्तान में महिलाओं और लड़कियों के साथ व्यवहार की कड़ी निंदा करता है। आईसीसी संविधान के अनुसार, प्रत्येक सदस्य देश महिला क्रिकेट में प्रगति और विकास के लिए प्रतिबद्ध है। ईसीबी ने अफगानिस्तान के खिलाफ किसी भी क्रिकेट मैच को शेड्यूल नहीं करने की अपनी स्थिति को बनाए रखा है।’
ईसीबी के चीफ एग्जीक्यूटिव ने बड़ा बयान दिया
रिचर्ड ने कहा, “आईसीसी के अंदर आगे अंतरराष्ट्रीय कार्रवाई को लेकर आम सहमति नहीं बन पाई है, लेकिन ईसीबी इस तरह के उपायों की सक्रिय रूप से वकालत करना जारी रखेगा।” आईसीसी के प्रत्येक सदस्य द्वारा एकतरफा कार्रवाई की तुलना में एक समन्वित, विश्वव्यापी दृष्टिकोण काफी अधिक प्रभावशाली होगा।
क्रिकेट के महत्व को देश से विस्थापित लोगों सहित कई अफगानों के लिए आशा और सकारात्मकता के स्रोत के रूप में पहचानना महत्वपूर्ण है। ईसीबी एक समाधान खोजने के लिए प्रतिबद्ध है जो महिलाओं और लड़कियों के अधिकारों को अफगानिस्तान में सुरक्षित रखता है, साथ ही अफगान लोगों पर व्यापक प्रभाव पर भी विचार करता है।
हम ब्रिटेन की सरकार, अन्य हितधारकों, आईसीसी और अन्य अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट बोर्ड के साथ रचनात्मक बातचीत करना जारी रखेंगे ताकि सार्थक बदलाव के लिए सभी संभावित रास्ते तलाशे जा सकें।’