चेतेश्वर पुजारा अपनी दृढ़ता, प्रतिबद्धता और अटूट एकाग्रता के लिए जाने जाते थे। रविवार, 24 अगस्त को पुजारा ने अंतरराष्ट्रीय करियर से संन्यास ले लिया। चेतेश्वर पुजारा का करियर भारतीय क्रिकेट में महत्वपूर्ण योगदानों से भरा हुआ है, लेकिन उनकी शानदार प्रतिभा और प्रभाव के कारण कुछ पारियां प्रशंसकों को हमेशा याद रहेंगी।
नाबाद 206 बनाम इंग्लैंड, अहमदाबाद (2012)
राहुल द्रविड़ के संन्यास के बाद भारतीय टीम को एक दिवार की आवश्यकता थी। 2012 में इंग्लैंड के खिलाफ साढ़े आठ घंटे तक बल्लेबाजी करने वाले चेतेश्वर पुजारा ने दोहरा शतक लगाकर टीम को बड़ी जीत दिलाई। इस पारी में पुजारा ने राहुल द्रविड़ के सही उत्तराधिकारी के रूप में खुद को स्थापित किया।
123 बनाम ऑस्ट्रेलिया, एडिलेड (2018)
चेतेश्वर पुजारा की इस पारी को सबसे बहादुरी भरी कोशिशों में से एक माना जाता है। पुजारा ने अकेले दम पर टीम की पारी संभाली और निचले क्रम के बल्लेबाजों के साथ महत्वपूर्ण साझेदारियां की जब भारत का स्कोर 86/5 था। यह पारी भारत की ऑस्ट्रेलिया में पहली टेस्ट सीरीज जीत की नींव बन गई।
92 बनाम ऑस्ट्रेलिया, बेंगलुरु (2017)
भले यह शतक नहीं था, लेकिन पुजारा की यह पारी महत्वपूर्ण है। पुजारा ने एक कठिन पिच पर 221 गेंदों में 92 रन बनाए। ऑस्ट्रेलिया की कठिन गेंदबाजी का सामना करते हुए उन्होंने भारत को एक सम्मानजनक स्कोर तक पहुंचाया, जिससे भारत मैच जीता। पुजारा खुद इस पारी को अपने करियर में सबसे अच्छी पारियों में से एक मानते हैं।