बड़े विकास के लिए हाल ही में बिहार सरकार ने मोइन-उल-हक स्टेडियम के लिए भूमि की रजिस्ट्री बिहार क्रिकेट एसोसिएशन को स्थानांतरित करने का निर्णय लिया है। पटना में अंतरराष्ट्रीय खेलों की मेजबानी करने और राज्य के क्रिकेटरों को आधुनिक स्थान प्रदान करने के लिए स्टेडियम को 30 साल की लिस्ट पर स्थानांतरित किया गया है।
बिहार सरकार ने मोइन-उल-हक स्टेडियम के लिए भूमि की रजिस्ट्री बिहार क्रिकेट एसोसिएशन को स्थानांतरित की
बता दें कि जमीन रजिस्ट्री का खर्च 37 करोड़ रुपये है। खेल विभाग के निदेशक महेंद्र कुमार और बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश तिवारी ने रजिस्ट्री के दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किए हैं। मुख्य बात यह है कि राकेश तिवारी ने कहा कि निर्माण के शिलान्यास समारोह की तारीख बाद में घोषित की जाएगी। बिहार के क्रिकेटरों के लिए यह खबर बहुत अच्छी है।
राकेश तिवारी ने स्पोर्ट्स स्टार को बताया कि, “बिहार क्रिकेट एसोसिएशन निर्माण में तेजी लाएगा और दो से तीन साल के भीतर बिहार के लोगों को एक विश्व स्तरीय स्टेडियम देगा जहां सभी लोग अंतरराष्ट्रीय मुकाबलों का आनंद ले सकेंगे।”’
इस स्टेडियम में 40 हजार दर्शकों की क्षमता होगी और इसमें 76 कॉर्पोरेट बॉक्स और250 वीआईपी की व्यवस्था होगी। इसके अलावा, आयोजन स्थल में एक बैडमिंटन कोर्ट, एक वॉलीबॉल कोर्ट, स्विमिंग पूल खिलाड़ियों के लिए एक हॉस्टल और कई आधुनिक सुविधाएं भी होंगी।
बिहार क्रिकेट प्रेमियों के लिए शुभ खबर
पुननिर्मित स्टेडियम बिहार में क्रिकेट के बुनियादी ढांचे को पूरी तरह से बदल देगा। बिहार क्रिकेट एसोसिएशन को भी उम्मीद है कि नया स्टेडियम उनकी क्रिकेट संरचना को बदल सकता है।
वर्तमान में वेन्यू में बैठने की सीमा 75,000 दर्शकों की है। 22 दिसंबर 1997 को भारत और दक्षिण अफ्रीका ने इस वेन्यू पर आखिरी अंतरराष्ट्रीय मैच खेला था। इसके अलावा, 1996 के विश्व कप में जिंबाब्वे और केन्या की मेजबानी भी यही हुई थी। निर्माण कार्य पूरा होने के साथ उम्मीद है कि वह भविष्य में कुछ और अंतरराष्ट्रीय मुकाबलों की मेजबानी कर पाएंगे।