ऑस्ट्रेलिया ने बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के बाकी दो मैचों के लिए अपनी टीम घोषित की है। नाथन मैकस्वीनी का नाम इसमें नहीं है। पहले तीन मैचों में खराब प्रदर्शन करने के कारण उन्हें बाहर कर दिया गया है। मैकस्वीनी ने इस सीरीज से अपने अंतर्राष्ट्रीय करियर की शुरुआत की थी लेकिन इस तरह निकाले जाने के बाद चयनकर्ताओं पर सवाल उठने लगे हैं।
वहीं इस पर मैकस्वीनी ने चैनल 7 पर प्रतिक्रिया दी और कहा कि मैंने सोचा कि मेरा सपना पूरा हो गया लेकिन इसने उम्मीद की तरह काम नहीं किया। यह सब आपके जीवन का हिस्सा है और मैं फिर से नेट्स में काम करूंगा। ताकि मैं टीम में फिर से शामिल हो सकूँ। यह खेल है, अगर आप अवसर का लाभ नहीं उठाएंगे, अच्छा परफॉर्म नहीं करेंगे, तो टीम में आपकी जगह पक्की नहीं होगी।
किंतु नाथन मैकस्वीनी के ऑस्ट्रेलियन टीम से बाहर किए जाने पर ऑस्ट्रेलियाई दिग्गजों में मतभेद सामने आएं हैं। माइकल क्लार्क का विचार है कि उन्हें समान अवसर नहीं मिला, माइकल हसी कुछ और कह रहे हैं।
नाथन मैकस्वीनी के बाहर किए जाने पर ऑस्ट्रेलियाई दिग्गजों की प्रतिक्रिया
अब ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी माइकल हसी ने मैकस्वीनी के बाहर किए जाने पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा मुझे नहीं पता (कि यह सही फैसला था या नहीं) यह उनके लिए काफी मुश्किल है। यह एक आसान काम नहीं है। ओपनर्स को गेंद बहुत मूव होती है। टॉप ऑर्डर के कई बल्लेबाज संघर्ष कर रहे हैं। दूसरी तरफ सैम कोंटास जैसे खिलाड़ी के लिए यह रोमांचक है।
माइकल क्लार्क ने हालांकि सेलेक्शन की आलोचना की। उनका विचार है कि मैकस्वीनी को एक समान मौका नहीं मिला। उनका कहना था कि इससे नाथन मैकस्वीनी का करियर खत्म हो सकता है। उसे चुना गया क्योंकि वह समर में खेलने का हकदार था। यदि उस्मान ख्वाजा दो टेस्ट से रिटायर हो जाएँ तो क्या होगा? क्या मैकस्वीनी वापस आएंगे? या फिर वह कतार में पीछे रहेंगे?
जबकि ऑस्ट्रेलिया के पूर्व विकेटकीपर एडम गिलक्रिस्ट का मानना है कि एडिलेड स्ट्राइकर्स के खिलाफ बीबीएल मैच में कोंटास के खेल ने उन्हें टेस्ट टीम में शामिल करने के लिए मजबूर कर दिया। फॉक्स क्रिकेट को बताया कि यह वह पारी थी जिसने उन्हें जीत दिलाई। रन बनाने की उनकी इच्छा और उनकी आक्रामकता ने ऑस्ट्रेलियाई टॉप ऑर्डर को बहुत चुनौती दी है। और मुझे लगता है कि वह इसका सामना करने के लिए तैयार हैं।