भारत के पूर्व महान स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने तमिलनाडु के कांचीपुरम में राजलक्ष्मी इंजीनियरिंग कॉलेज में एक स्नातक समारोह के दौरान हिंदी भाषा पर अपनी टिप्पणी के बाद विवाद में फंस गए हैं, जिससे देश भर में एक नई बहस छिड़ गई है।
रविचंद्रन अश्विन ने उस कार्यक्रम के दौरान दर्शकों को संबोधित किया और पूछा कि उन्हें अपने भाषण के लिए हिंदी, तमिल या अंग्रेजी में से किस भाषा का इस्तेमाल करना चाहिए। हिंदी को कम प्रतिक्रिया मिली जबकि तमिल और अंग्रेजी को बहुत प्रतिक्रिया मिली। रविचंद्रन अश्विन ने इसके बाद कहा कि हिंदी हमारी राष्ट्र भाषा नहीं, आधिकारिक भाषा है।
रविचंद्रन अश्विन ने हिंदी भाषा को लेकर विवादित बयान दिया
जब रविचंद्रन अश्विन ने भाषण की शुरुआत में पूछा कि इंग्लिश में कौन उन्हें सुनना चाहेगा तो विद्यार्थियों की हलकी-फुलकी प्रतिक्रिया आई लेकिन जब उन्होंने तमिल को लेकर पूछा तो विद्यार्थियों ने जोरदार आवाज दी। तीसरा अश्विन ने हिंदी को लेकर सवाल किया तो पूरी तरह से सन्नाटा छा गया, हालांकि कुछ देर पर एक दो आवाज आई। तब अश्विन ने कहा, “मैंने सोचा कि मुझे यह कहना चाहिए हिंदी हमारी राष्ट्रीय भाषा नहीं है, यह एक आधिकारिक भाषा है।”
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சென்னையில் உள்ள தனியார் பொறியியல் கல்லூரியில் நடைபெற்ற பட்டமளிப்பு விழாவில் மாஸ் காட்டிய கிரிக்கெட் வீரர் அஸ்வின்#SunNews | #Chennai | #Ashwin | @ashwinravi99 pic.twitter.com/TeWPzWAExQ
— Sun News (@sunnewstamil) January 9, 2025
अश्विन के यही कहने को लेकर ही अब सोशल मीडिया दो हिस्सों में बंट गया है। हिंदी भाषी लोग अश्विन को निशाने पर ले रहे हैं जबकि तमिल प्रेमी अश्विन की तारीफ कर रहे हैं। हिंदी बहुत लोकप्रिय है इसलिए लोग लगातार अश्विन को नसीहत दे रहे हैं कि उन्हें भाषा को लेकर इस तरह की चीज नहीं करनी चाहिए।
अश्विन को कुछ लोगों ने निशाने पर लेते हुए यह भी याद दिलाया कि उन्होंने अपने क्रिकेट करियर में जो कुछ भी हासिल किया है उसका काफी अधिक हिस्सा हिंदी भाषी क्षेत्र से ही है।