हाल ही में भारतीय ऑलराउंडर हार्दिक पांड्या ने रेड-बॉल से प्रैक्टिस की, जिसके बाद से उनकी टेस्ट क्रिकेट में वापसी की चर्चा बढ़ी है। हाल ही में, पूर्व भारतीय विकेटकीपर पार्थिव पटेल ने हार्दिक पांड्या के सबसे लंबे फॉर्मेट में उनकी वापसी की सारी खबरों को खारिज कर दिया है। पार्थिव का कहना है कि हार्दिक का शरीर इस स्थिति में नहीं है कि वह पांच दिन की कठोरता को झेल पाए।
मैं हार्दिक पांड्या को टेस्ट में नहीं देख रहा हूं- पार्थिव पटेल
हाल ही में पार्थिव पटेल ने जियोसिनेमा पर हार्दिक पांड्या की टेस्ट फॉर्मेट में वापसी पर चर्चा करते हुए कहा कि हार्दिक रेड-बॉल से अभ्यास कर रहे थे क्योंकि व्हाइट बॉल उपलब्ध नहीं थी।
मैं हार्दिक पांड्या (टेस्ट में) को नहीं देख रहा हूं। वह केवल रेड-बॉल से अभ्यास कर रहे थे क्योंकि व्हाइट-बॉल उपलब्ध नहीं थी। मुझे नहीं लगता कि उनका शरीर चार दिवसीय और पांच दिवसीय मैच खेलने की अनुमति देता है। उसे कम से कम एक फर्स्ट-क्लास मैच खेलना होगा (टेस्ट में चयन के लिए विचार किए जाने से पहले), जिसकी बहुत संभावना नहीं है।
2018 में इंग्लैंड के खिलाफ साउथैम्टन में हार्दिक पांड्या ने भारत के लिए अपना अंतिम टेस्ट मैच खेला था। इसके बाद इंजरी ने उन्हें लगातार टेस्ट क्रिकेट से बाहर कर दिया। भारत के लिए ऑलराउंडर ने 11 टेस्ट मैचों में 31.29 के औसत से 532 रन बनाए हैं, जिसमें एक शतक और चार अर्धशतक शामिल हैं। उन्होंने 31.05 की औसत से 17 विकेट भी लिए हैं।
यश दयाल को दूसरे टेस्ट में मौका देना था: पार्थिव पटेल
इस वक्त कानपुर में भारत और बांग्लादेश के बीच टेस्ट सीरीज का दूसरा मैच खेला जा रहा है। बारिश के कारण दूसरे दिन का खेल रद्द कर दिया गया। पार्थिव पटेल ने कहा कि टीम इंडिया यश दयाल को कानपुर टेस्ट में मौका दे सकती थी। क्योंकि टीम फिर न्यूजीलैंड के खिलाफ आगामी टेस्ट सीरीज में टीम एक्सपेरिमेंट नहीं कर पाएगी।
दूसरे टेस्ट में भारत के पास यश दयाल को उपयोग करने का मौका था। मैं बांग्लादेश को कमतर नहीं आंक रहा हूं, लेकिन अगर यह टेस्ट मैच ड्रॉ हो जाता है, तो यह ध्यान रखना बहुत जरूरी है कि अगली सीरीज न्यूजीलैंड के खिलाफ होगी, और तब वे प्रयोग करने की स्थिति में नहीं होंगे।