भारत बनाम इंग्लैंड की सीरीज ड्रॉ पर खत्म होने के बाद जसप्रीत बुमराह को लेकर बहुत चर्चाएं हो रही हैं। भारतीय क्रिकेटर और कॉमेंटेटर संजय मांजरेकर ने इसी विषय पर जसप्रीत बुमराह के वर्कलोड मैनेजमेंट पर सलाह दी।
5 मैच की टेस्ट सीरीज में बुमराह ने केवल 3 मैच ही खेले थे और फैंस जसप्रीत बुमराह को निर्णायक मुकाबले में नहीं देखने से बहुत नाराज थे। इसके बाद से जसप्रीत बुमराह के कार्यभार पर चर्चा हो रही है और आखिरकार बुमराह को कब तक टेस्ट से बाहर रखा जाएगा।
भारत ने जसप्रीत बुमराह के बिना दो टेस्ट मैच जीते
भारत ने इस श्रृंखला में सिर्फ दो मैच जीते थे और उन दोनों ही मैचों में बुमराह नहीं खेले थे, मांजरेकर ने कहा, “हम चाहे कितनी भी कोशिश करें, खेल हमें हमेशा आईना दिखाएगा।” यह काव्यात्मक न्याय था कि बुमराह ने भारत की दो टेस्ट जीत में एक भी मैच नहीं खेला था। हिंदुस्तान टाइम्स के लिए लिखे एक कॉलम में मांजरेकर ने लिखा, “इससे भारतीय चयनकर्ताओं को बड़े नाम वाले खिलाड़ियों के चयन में कड़े फैसले लेने का साहस मिलेगा।”
यह श्रृंखला भी उनके लिए और हमारे लिए एक महत्वपूर्ण सबक रही है। भारत की दो टेस्ट जीत में विराट कोहली, चेतेश्वर पुजारा, रोहित शर्मा, मोहम्मद शमी और जसप्रीत बुमराह नहीं शामिल थे! इसने हमें खेल और जीवन के अनिवार्य सत्य की याद दिला दी कि कोई भी अपरिहार्य नहीं है, चाहे वह कितना भी महान हो। भारत को बुमराह से इसी तरह निपटना चाहिए।”
मांजरेकर ने कहा कि अगर बुमराह लंबे समय तक टेस्ट क्रिकेट खेलना चाहते हैं तो बुमराह को अपनी फिटनेस में सुधार करना होगा। भारतीय क्रिकेट को नहीं बल्कि जसप्रीत बुमराह को बदलना होगा।
इसके लिए उन्हें अपनी फिटनेस पर कठोर निर्णय लेने होंगे, क्योंकि कोई भी खिलाड़ी अपनी फिटनेस को जितना चाहे उतना बढ़ा सकता है। बुमराह से पहले भी कई गेंदबाजों ने ऐसा कारनामा किया है।