भारत ने ओवल टेस्ट मैच में छह रन से रोमांचक जीत हासिल की, जिसके बाद टीम इंडिया ने एंडरसन-तेंदुलकर ट्राफी टेस्ट सीरीज को 2-2 की बराबरी पर खत्म किया। भारतीय क्रिकेट टीम के वर्कलोड मैनेजमेंट को लेकर भी चर्चा काफी तेज होने लगी है।
दूसरी ओर, पूर्व भारतीय सलामी बल्लेबाज और प्रसिद्ध क्रिकेट कमेंटेटर सुनील गावस्कर ने मैनेजमेंट पर सवाल उठाया और जसप्रीत बुमराह जैसे खिलाड़ियों को आराम देने पर अत्यधिक निर्भरता पर सवाल भी उठाया।
ध्यान देने योग्य है कि अनुभवी तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह को ओवल टेस्ट मैच से पहले रिलीज कर दिया गया था, और वह हैवी वर्कलोड के चलते सिर्फ तीन टेस्ट मैच ही खेले थे। गावस्कर ने कहा कि टीम इंडिया की नीति अब मार्डन डे क्रिकेट में चर्चा का विषय बन गई है।
सुनील गावस्कर ने बड़ा बयान दिया
इंग्लैंड-भारत पांचवें टेस्ट मैच के समाप्त होने के बाद सुनील गावस्कर ने एनडीटीवी के हवाले से कहा-
हमेशा कहा जाता है कि गेंदबाज मैच जिताते हैं, लेकिन असल बात तो यह है कि आपको रन भी बनाने होते हैं। इसलिए क्योंकि भारत रन नहीं बना पाया, तो वे दो मैच हार गए। तो हाँ, मुझे लगता है कि सिराज ने जी-जान से गेंदबाजी की, और उन्होंने वर्कलोड मैनजमेंट के इस भ्रम को हमेशा के लिए खत्म कर दिया।
मुझे उम्मीद है कि ‘वर्कलोड’ शब्द भारतीय क्रिकेट की डिक्शनरी से निकल जाएगा। मैं यह बात काफी समय से कह रहा हूँ। पाँच टेस्ट मैचों में लगातार, उन्होंने 6-ओवर, 7-ओवर, 8-ओवर के स्पैल डाले क्योंकि कप्तान यही चाहता था, और देश को उनसे उम्मीदें थीं। और मुझे लगता है कि यही एक बात है जो हम सभी को ध्यान में रखनी चाहिए कि यह वर्कलोड केवल एक मानसिक चीज है, शारीरिक चीज नहीं।