विनोद कांबली ने अपने करियर की शुरुआत में कई सफलताएं हासिल कीं। हालांकि, असंगत प्रदर्शन, फिटनेस समस्याएं और विवाद के चलते उनका करियर जल्द खत्म हो गया। उनकी स्थिति को लेकर पिछले साल वायरल हुआ एक वीडियो ने लोगों को चिंतित कर दिया। बाद में कई दिगग्ज ने उन्हें स्वास्थ्य और आर्थिक सहायता दी।
हाल ही में पूर्व क्रिकेटर योगराज सिंह ने खुलासा किया कि उन्होंने कांबली को कुछ सलाह दी थी। योगराज सिंह ने इनसाइड स्पोर्ट्स से बातचीत में कहा कि उन्होंने कांबली को पार्टी, स्मोकिंग सहित कई बातें छोड़ने की सलाह दी थीं। लेकिन विनोद कांबली ने उनकी बात नहीं मानी और आज संघर्षरत हैं।
योगराज सिंह ने कहा, “मैंने एक बार विनोद कांबली से कहा था, “ये पार्टियां, सिगरेट पीना, लड़कियों के पास जाना—बंद कर दो, नहीं तो सब कुछ खत्म हो जाएगा और रोओगे।”देखो उसके साथ क्या हुआ। जब मैं उससे व्यक्तिगत बातचीत कर रहा था, तो उसने कहा, “सर, आपका समय चला गया।”वह सोचता था, ‘मैं राजा हूं।’ आप खेल से बड़े नहीं हैं।’
🚨INSIDESPORT EXCLUSIVE🚨
YOGRAJ SINGH SAID:
“I suggested Vinod Kambli to stop partying, smoking cigarettes and going to the girls, otherwise you will be finished and you will be crying. He told me that now he is the king and that my time was over” #CricketTwitter pic.twitter.com/hx0KQNBVzC
— InsideSport (@InsideSportIND) June 11, 2025
विनोद कांबली पिछले कुछ महीनों से स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे हैं
बता दें कि विनोद कांबली पिछले कुछ महीनों से स्वास्थ्य समस्याओं के चलते अस्पताल जा रहे हैं। वे यूरिन इंफेक्शन, मस्तिष्क थक्के और हृदय रोगों से जूझ रहे हैं। लोगों का मानना है कि विनोद कांबली ने अपने व्यवहार की वजह से एक बेहतरीन क्रिकेट करियर खो दिया।
वह सचिन तेंदुलकर की तरह एक युवा भारतीय क्रिकेट खिलाड़ी थे, जिन्होंने 1991 में पाकिस्तान के खिलाफ 19 साल की उम्र में इंटरनेशनल क्रिकेट डेब्यू किया था। 1993 में कांबली ने इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट डेब्यू किया था। उन्होंने अपने पहले सात मैचों में ही दो दोहरे शतक और दो शतक जड़ दिए, जो उनकी क्षमता का प्रदर्शन था। बाएं हाथ के खिलाड़ी ने हालांकि सिर्फ 17 टेस्ट खेले।
1995 में उन्होंने अपना अंतिम टेस्ट मैच खेला था। उनके चार शतक और तीन अर्धशतक के साथ उन्होंने 54.20 की औसत से 1084 रन बनाए। उनका सबसे उच्च स्कोर 227 था। कांबली ने 104 वनडे मैचों में 2477 रन बनाए। वह आखिरी बार 2000 में वनडे खेले थे। 2009 और 2011 में उन्होंने इंटरनेशनल क्रिकेट और प्रथम श्रेणी क्रिकेट को अलविदा कह दिया।