गुजरात टाइटंस के कप्तान शुभमन गिल का विचार है कि एक सफल कप्तान को अपनी बल्लेबाजी को कप्तानी से अलग रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि बल्लेबाजी और कप्तान को एक साथ मिलाना टीम के लिए कभी अच्छा नहीं होता। पिछले सत्र में हार्दिक पांड्या की जगह शुभमन गिल गुजरात टाइटंस के कप्तान बने। 2022 और 2023 में पांड्या की कप्तानी में फाइनल खेलने के बाद गिल की कप्तानी में गुजरात टीम आठवें स्थान पर रही।
“कप्तानी और बल्लेबाजी को जितना अलग रखेंगे, उतना ही अच्छा है,” गिल ने ट्रेनिंग सेशन से पहले एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा। मैं बल्लेबाजी करते समय बल्लेबाजी पर ही ध्यान देता हूँ, ऐसा मेरा अनुभव है। बल्लेबाज के रूप में मैं जो निर्णय लेता हूं, वह मेरे लिए सबसे अच्छा होता है। वहीं, जब हम फील्डिंग कर रहे होते हैं तब मैं कप्तानी में ज्यादा जुड़ता हूं। बल्लेबाजी करते समय बल्लेबाज के रूप में रहना ही मेरे लिए अच्छा है।’’
बतौर कप्तान आप हर दिन कुछ नया सीखते हैं- शुभमन गिल
भारत की वनडे टीम के उपकप्तान गिल ने कहा, ‘‘बतौर कप्तान आप प्रतिदिन कुछ नया सीखते हैं, खिलाड़ियों के बारे में या अपने बारे में। महान कप्तान बनने के लिए इन बातों पर काम करना चाहिए। याद रखें कि गिल ने 2023 के सीजन में 890 रन बनाए थे, लेकिन अगले सीजन जब वे कप्तान बने तो उनके रनों की संख्या आधे से ज्यादा घटकर 426 रन रह गई थी।
स्ट्राइक रेट भी 157.70 से घटकर 147.40 रह गया था। टीम की हालत भी नाजुक रही थी क्योंकि वह प्लेऑफ की दौड़ से बहुत दूर थी। ऐसे में गिल आगामी सीजन में बतौर बल्लेबाज और कप्तान अच्छा प्रदर्शन करना चाहेंगे।
शुभमन गिल ने रणनीतिक मामलों में उनकी मदद करने के लिए क्रिकेट निदेशक विक्रम सोलंकी और मुख्य कोच आशीष नेहरा को धन्यवाद दिया, जो खुद एक युवा नेता के रूप में विकसित हो रहे हैं। “आशु भाई (आशीष नेहरा) और विक्रम से मुझे जो अनुभव मिला है, वह मेरे लिए बेहद कीमती है,” उन्होंने कहा। गिल का कहना है कि जीटी ने घर पर अच्छा प्रदर्शन किया है, तो बाहर के खेलों में भी उन्होंने अच्छा प्रदर्शन किया है।